ना सूत ना कपास, जुलाहों में लट्ठम लट्ठा।
इस कहावत को जब सुना था तो कुछ ख़ास समझ नहीं सका था। परन्तु आज एक बार फिर इस कहावत को सुनने का अवसर मिला। और तब जाकर इस को समझ पाया।
उन्नाऊ
के किसी बाबा ने सपना देखा कि क़िले के नीचे 1000 टन सोने का खज़ाना है।
सरकार ने उसकी खोज का आदेश भी देदिया है। और 18 तारीख को खुदाई का काम
आरंभ हो जाएगा। यहाँ तक तो किसी प्रकार ठीक ठाक है। परन्तु अब उस सोने के
कई भागीदार और दावेदार भी उठ गए।
आरोप और प्रत्यारोप का दौर भी चल निकला है। हमें कहावत समझना था सो समझ गए। आगे क्या होगा अल्लाह जाने।